Tuesday, January 20, 2009

आओ ढूंढे हिन्दूस्तानी ओबाम ............


रास्ट्रपति बराक ओबाम जी हा यह नाम जो अब हर किसी की जुबान में होगा . कुछ उन्हें आडियल की तरह देखेगे . तो कुछ उन जैसा बनने की चाहत रखेगे तो कुछ उनमे अच्छाई दुन्ढेगे में लगे है , तो कुछ और भी बहुत कुछ ........ . पर यह उनका व्यक्तित्व ही है की वो सब को प्रभवित कर लेते है और हर व्यक्ति उनसे प्रभावित हुए बिना नही रह सकता . पर अमेरिका के नये रास्ट्रपति श्री ओबामा के शपथ लेते ही हिंदुस्तान में एक नई बहस शुरू हो गई है , हर एक उन्हें अपने नजर से आंकलित कर रहा है कोई उन्हें मसीहा , तो कोई उनके विक्तितव का कायल है , और कुछ तो उन्हें मंदी से जूझती अमेरिकन अर्थव्वस्था को उबरने वाला अर्थशास्त्री मान रहे है लेकीन जेसा की मै देख रहा हु हिंदुस्तान में एक नई बहस इस बात से परे हिन्दूस्तानी ओबामा की तलाश से शुरू होती है जहा हिन्दूस्तानी राजनेता ओबामा की लोकप्रियता से प्रभावित ख़ुद के लिए वैसी स्टाइल स्तेटेजी और इमेज सिंबाल बनने में जुट गए तो निरीह जनता जो ६० सालो से इन राजनेतावो से छलती आ रही है , जो हर ५ साल बाद होने वाले चुनावी समर में वही [ सड़क ,साफ पीने का पानी , रोटी ] मैलिक मूल भुत समस्या जिनका जिक्र सविधान के अनुछेद में किया गया है जिसे पुरे ६० साल में भी राजनैतिक दल पुरा न कर सके और आज भी हर राजनैतिक दल हर ५ साल बाद चुनावी समर में उन्ही मुद्दों के साथ उतरते है और पार भी हो जाते है. वह जनता भी इन नेताओं से तंग आकर भारतीय ओबामा कि तलाश प्ररम्भा कर चुकी है हिंदुस्तान के हालात कुछ ज्यादा अच्छे नही नही है अगर मै इसमे ये कहू तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी की चाणक्य नीति सिर्फ़ हमने ही अपनाई , आप सोच रहे हो कैसे तो याद कीजिये वो जुमला " उधार लो घी खावो और .................. आगे आपको पता ही हो गा , तो हिंदुस्तान का हाल किसी से छुपा नही है हम हमेशा दम भरते है की हमारे पास ये है अक्सर कहते है कि हम ऐसा कर सकते है
ऐसा होगा तो ऐसा हो जाएगा. पूर्वाग्रह से गर्सित भारतीय राजनेता और अर्थव्वस्था पुर्ण रूप से भारतीय ओबामा को तलाश रही है ; पर इसमे भी विरोधाभास नजर आने लगा है पिछली रात किसी न्यूज़ चॅनल में साक्छात्कार में किसी ने हिन्दुस्तानी ओबामा मुस्लिम होना चाहिए की पैरवी की तो किसी ने भारतीय ओबामा अल्पसंख्यक में से होना चाहिए कहा और किसी ने और किसी धर्म और जाती का बताया पर वो सब ये भूल गए की अमेरिकन ओबामा अशेवत है जो कि वहा कि मूल जाति अशेव्त अमेकिरन में से है जिन्हें अमेरिका के शीर्ष स्थान को पाने के लिए अशेव्त अमेकिरन समुदाय ने लगभग ३०० सालो से संघर्ष किया तब कही जाके वो आज वहा पहुच पाये है. लेकिन आज भारत का ओबामा कैसा होना चाहिए और किसा जाति से हो यह चर्चा का विषय बना हुआ है मेरे विचार से भारतीय ओबामा किसी आदिवासी समुदाय से होना चाहिए जो भारत कि मूल जाति में से है और वो भी अशेव्त ही होगा . पर इतने मात्र से भी ओबामा की तरह बनना सम्भव नही है. उसके लिए उसे देश कि राजनैतिक व्यवस्था के साथ साथ ६० सालो से चली आ रही राजनेतावो कि वेवखुफ़ बनावो नीति से बहार आकर काम करने संकल्पित हो जनता की भट्टी में तप कर कुंदन बनना होगा तब कही जाके वो ओबामा तो नही पर हा उसके पदचिन्हों में चलेने लायक बन जाएगे वैसे छत्तीसगढ़ में ओबमाओ कि कमी नही है आदिवासी बहुल होने से बहुत से ओबामा यहा है पर उनके राष्ट्र प्रेम के बारे में अभी पता नही उन्हें अभी सावरना होगा, खुद को जनता के भट्टी में तपाकर उनके विश्वाश को जीत कर उन्हें भरोसा दिलाना होगा कि वह आपको ले चलेगे उन्नत राष्ट्र की और जहा रोटी कपड़ा और माकन के लिए कोई नही भटकेगा. उनका संकल्प होगा कि वे राष्ट्र हित को सर्वोपरी रखेगे. तो भारत को ऐसे ओबामा की जरूरत है आओं दोस्त हम सब मिल के देश के लिए ढूंढे एक भारतीय ओबामा जो देश के लिए कुछ कर गुजरे और देश को बना दे समृद्ध राष्ट्र

3 comments:

purnima said...

आपने बिल्कुल सही कहा .
हमें भी एसा ही राष्ट्रपति की आवशकता हें .

purnima said...

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामना

Ananta said...

"aapka lekh pasand aaya par hindustan ka obama aap or hum jaise logo ki bhid me kahi kho gaya hai jo satya ki sarthakta ko manch tak la to skta hai par murt rup nahi dila sakta."

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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही

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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही