Thursday, March 12, 2009
शिकार बनी एक और छात्रा, जबर्दस्ती केमिकल पिलाया
अभी हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के छात्र की मौत को हफ्ता भी नहीं बीता कि फिर रैगिंग ने एक छात्रा को अपना शिकार बना लिया। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के बापटला इंजीनियरिंग कॉलेज में 20 साल की एक छात्रा को उसकी सीनियर्स ने केमिकल पीने पर मजबूर कर दिया और उसे मौत के मुंह में पहुंचा दिया।
मालूम हो कि 20 साल की त्रिवेणी पढ़ाई के लिए कर्नाकट के बापटला आई थी। यहां उसने इस गवर्नमेंट ऐग्रिकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। त्रिवेणी फर्स्ट ईयर की छात्रा है। लेकिन कॉलेज में उसकी रैगिंग शुरू हो गई।
रैगिंग के नाम पर त्रिवेणी को काफी तंग किया गया। उसके कपड़े उतरवाए गए। फिर उसे बिना कपड़ों के नाचने को कहा गया। त्रिवेणी के साथ यही नहीं हुआ बल्कि उसे जबर्दस्ती हेयर डाई सॉल्युशन पीने को कहा गया, वो केमिकल जिससे लोग बाल रंगते हैं। त्रिवेणी ने मना किया तो उसे धमकी दी गई। मजबूरन बेचारी त्रिवेणी को बालों को रंगने वाला डाई पीना पड़ा।
रात में जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टर के मुताबिक जब उसे लाया गया तो उसके चेहरे और गले में काफी सूजन थी। बड़ी मुश्किल से उसे बचाया जा सका।
वहीं त्रिवेणी के घरवाले भी कह रहे हैं कि उनकी बेटी लगातार रैगिंग की शिकायत करती थी और जब उन्होंने इसकी शिकायत कॉलेज प्रशासन से करने की सोची तो त्रिवेणी ने ये कहकर मना कर दिया कि सीनियर्स के खिलाफ बोलने से उसे पढ़ाई में नुकसान हो सकता है।
त्रिवेणी ने उन सीनियर छात्राओं का नाम भी बताया जिन्होंने उसे अस्पताल के बिस्तर पर पहुंचा दिया। इनके नाम हैं श्रेवंती, सौजन्या, नाजमा, वनीता और साहिथी।
गौरतलब है कि महज तीन दिन पहले गुड़गांव के रहने वाले एक नौजवान को हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में उसके सीनियर्स ने पीट पीटकर मार डाला। उसकी गलती बस इतनी थी कि उसने रैगिंग की शिकायत कॉलेज प्रशासन से की थी।
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1 comments:
ऊन सीनियर्स को गोली मार दो, सरकार या किसी तंत्र के भरोसे मत रहो हर व्यक्ति को आखरी लडाई खुद लड़नी पड्ती है कोई आपके लिए लड़ने नहीं आएगा
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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही