Wednesday, March 25, 2009

आपका मत

छत्तीसगढ छोटा राज्य पर चुनावी हलचले बड़ी बड़ी जिसका परिणाम हम सभी ने हाल ही में समपन्न हुए विधानसभा चुनाव में देख लिया अप्रत्याषित चुनाव नतीजो के सामने भाजपा, काग्रेस के दिग्गजों नेता हार के गर्भ में समां गए फिर एक बार उन्ही दिग्गजों की इज्जत दांव पर है राष्ट्रीय राजनीति की तरह न तो यहाँ कोई तीसरा मोर्चा और न कोई चौथा बावजूद उसके परिणाम में भारी उतर चढाव देखने मिल रहे है आने वाली १६ तारीख फिर एक नया इतिहास रचने की तैयारी में है लेकिन मतदाता का रुखा कोई नहीं समझ पा रहा है कोई भी अभी ये बताने में समर्थ नहीं की ऊट किस करवट बैठेगा. नामांकन प्रकिया के प्रारंभ होते ही सभी ने कमर कस, ली किसी ने अपनी डपली बजाई तो किसी का अपना राग . इन सब के बावजूद मतदाता खामोशी से आंकल में जुटा है युपी बिहार की तरह छत्तीसगढ की राजनीति, राष्ट्रीय राजनीति में न तो सरकार परिवर्तन का मादद रखती है और ना ही सरकार गिराने की हैसियत पर कहते है ना की बुरे वक्त में गधे को भी बाप बना पड़ता है और एक एक की कीमत बहुत होती है ये उन्ही में से एक है तो बेचारे क्या करे लगे राष्ट्रीय राजनीति के आदेशो का पालन करने में लेकिन जनता को इससे क्या उन्हें तो अपनी ही समस्या से मतलब है जो साथ देगा जो काम करेगा वही उनके काम का पर ये भी अब बेमानी सा लगने लगा है क्यों की एक सांप है तो दूसरा अजगर अब जनता बेचारी क्या करे जो कम नुकसान पहुचाये उसे ही चुन लो क्यों की कोई तीसरा विकल्प तो है ही नहीं .


क्रमांक लोक सभा क्षेत्र प्रकार

1 सरगुजा (अ.ज.जा.)
2 रायग़ढ़ (अ.ज.जा.)
3 जान्जगीर चांपा (अ.जा.)
4 कोरबा (सामान्य)
5 बिलासपुर (सामान्य.)
6 राजनांदगांव (सामान्य)
7 दुर्ग (सामान्य)
8 रायपुर (सामान्य)
9 महासमुंद (सामान्य)
10 बस्तर (अ.ज.जा.)
11 कांकेर (अ.ज.जा.)

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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही

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