Thursday, February 12, 2009

छत्तीसगढ - लोकसभा चुनाव २००९

वैस तो हर ५ साल में लोकसभा चुनाव होते है पर २००९ के लोकसभा चुनाव कई मामलो में पूर्व में सम्पन्न चुनावों से अलग होगे देश में चल रही अंदुरनी कलह , मंदी का दौर, ऊपर से आतंकवाद जसे बड़े मुद्दे तो होगे ही एसे में देश की बागडोर किस राजनैतिक दल को मिलता है या फ़िर वही मिली जुली सरकार के पास जाती है देखने वाली बात होगी लेकिन छत्तीसगढ में भी इस लोक सभा चुनाव में अप्रत्याशित रिजल्ट की बात कहे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी क्यो कि वर्ष २००९ के लोकसभा चुनाव में 18 साल पूरा करने वाली नई पीढ़ी प्रदेश के कर्णधारों का चयन करने को बेताब है। खनिज के मामले में सबसे धनाढ्य माने जाने वाले छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत नई पौध अपने वोट से सरकार चुनने के लिए तैयार है।
राज्य के कुल मतदाताओं में से 3 लाख यानी लगभग 2 फीसदी लोग पहली बार सरकार चुनने बूथ तक जाएंगे। 30 सितंबर तक नई वोटर लिस्ट बनने के बाद इस संख्या में इजाफा हो सकता है। यही वजह है की कांग्रेस से लेकर भाजपा और अन्य दल में युवाओं की इच्छानुसार युवा प्रत्याशी की खोज जोर शोर से की जा रही है जिसेसे वह युवा जो पहली दफा वोट देंगे उनमे ज्यादा से ज्यादा पकड बना कर लोकसभा के चुनावी समर को पार लगया जा सके।
राज्य में 18 से 25 साल के मतदाताओं जो ज्यादातर कालेज स्टूडेंट हैं। इनकी संख्या करीब 25 लाख है। यह कुल मतदाताओं का 20 फीसदी है। इसी तरह 25 से 35 वर्ष वाले युवा मतदाता जो नौकरी भी करते हैं करीब उतने ही हैं। दोनों मिलाकर कुल मतदाओं का 40 प्रतिशत होता है। यह आंकड़ा किसी भी
दल को सत्ता सौंपने या बेदखल करने के लिए काफी माना जा सकता है।वर्ष 2003 में युवा मतदाताओं की कुल संख्या 1,35,41,199 थी जबकि यह संख्या बढ़कर अब 1,52,58,881 हो गई है।

भावी प्रधानमंत्री के सपने :- भावी प्रधानमंत्री का सपना सजोये भाजपा ने अपना उम्मीदवार लालक्रष्ण आडवानी को सेनापति बना के लोकसभा समर में उतने की पुरी तैयारी कर ली है वही कांग्रेस ने भी कांग्रेस युवराज राहुल बाबा के साथ कुछ सपने सजोये है लेकिन श्री आडवानी ने यह भाप लिया की आगामी चुनाव में सब राजनैतिक चुनावी प्रचार प्रसर उपायों में २ उपाय और भी है १ युवा मत्तदाता २ इनरनेट [ सुलभ पहुच सेवा ] जिससे सीधा युवा मत्तदाता जुड़े है यही वजह है की चुनावी तिथि के शंखनाद के पूर्व ही आडवानी जी 18 से 25 साल के मतदाताओं जो ज्यादातर कालेज स्टूडेंट हैं और
इसी तरह 25 से 35 वर्ष वाले युवा मतदाता जो नौकरी भी करते हैं करीब उतने ही हैं। दोनों ही इंटरनेट के बहुत करीब है उनके करीब आने अडवाणी जी चैटीग के जरिये युवांओ के प्रश्नों के ऊतर दे रहे है तो कही इंटरनेट में ही घरोंदा बना कर भाजपा का ऑफिस खोल लिया है

इंटरनेट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी २००९ लोकसभा चुनाव में :- शुरवाती समय तक इंटरनेट महज मनोरंजन या फ़िर एक विकल्प मात्र था लेकिन समय बदला और इंटरनेट सुचना, संचार में सबसे पहले स्थान पर पहुच गया है जहां वो अब चुनाव या अन्य मामलो अभिव्यक्ति के लिए सलुभ और सफल है और युवा वर्ग की पसंद भी है यही वजह है की आज इंटरनेट का उपयोग नेता भी चुनाव के लिए कर रहे है मुझे कोई हैरानी नही होगी की अभी एका - एका मै श्री आडवानी जी से या फ़िर छतीसगढ के मुख्यमंत्री से ऑनलाइन बात कर रहा हु
वैस अभी हमारा प्रदेश इस परम्परा में थोड़ा पीछे है वो अभी sms तक ही सीमित है पर जनता तो आगे निकल गई है बहुतायत जनता का वास्ता या तो इंटरनेट से पड़ता ही रहता है या फ़िर वो इसके नियमित उपभोक्ता है और इंटरनेट के चहेते 18 से 25 साल के मतदाताओं की बात करे तो , जो ज्यादातर कालेज स्टूडेंट हैं पहली बार अपने वोट से सरकार चुनने के लिए तैयार है और किसी भी दल सत्ता सौंपने या बेदखल करने माद्दा रखते है । इस लिए भी इंटरनेट का महत्व इस लोकसभा चुनाव में बढ़ जाएगा

1 comments:

Hassan Aman Katghora said...

क्या भड़ास निकले साहेबान यहाँ हम आराम से अपने वातानुकूलित घर में चैन-ओ-सुकून से हैं वहां सलवा-जुडूम के नाम पे छत्तीसगढ़ में पुलिस पब्लिक को शूट कर रही है कितना बुरा हल है ६०० ग्राम को उजाड़ दिया गया लोग कैसे जी रहें हैं कितने सालों से लोग शिविरों में अपनी "आजाद कैद" में जी रहे हैं---> न तो ग्रामीण परिवेश है, न तो छठी-बरी है, न तो परंपरागत विवाह, बचों का बचपना खो गया है जैसे हमारे पूर्वज आज़ादी के पहले महसूस करते रहें है वयेसे ही बच्चो की मान स्थिति है हमें घर से चार दिन बहार रहने में अटपटा लगता है सोचो लोग बरसों से घर से बहार शिविरों में रह्राहें हैं .....क्या लिखें क्या भड़ास निकालें दोस्तों मेरा छत्तीसगढ़ परेशां है हो सके तो इसकी परेशानी डोर करो अमन कटघोरा

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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही

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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही