Friday, February 20, 2009

लोकसभ चुनाव उमीद्दवार - ब्लाग से

लोकसभ चुनाव के नजदीक आते ही आए दिन मीडिया के हवाले से नए चेहरों कि चुनावी मैदानों में उतरने कि पुष्टि हो रही ही है फ़िर वो फ़िल्म जगत से संजय द्त्त हो या फ़िर क्रिकेट से बाहर का रास्ता दिखाए हुए अजहर ऊद्दीन लेकिन मेरी परेशानी कुछ और है ओँर यह है कि कही कल मुझे उसी मीडिया के हवाले से दो और नए चेहरे यशवंत जी http://bhadas4media.com और पुण्य प्रसून बाजपेयी जी http://prasunbajpai.itzmyblog.com/ चुनावी समर में उतरने वाले है की खबर लगे तो मुझे आश्चर्य नही होना चाहिए। क्या हुआ आप चोंक क्यो रहे है अच्छा आपको नही पता कि ये कोंन है चलो हम बता देते है कि एक है यशवंत जी [ जिन्होंने मीडिया ४ भड़ास के माध्यम से मीडिया की गंदगी दूर करने का बीडा उठा रखा है ] और दुसरे श्री बाजपेयी जी जिन्हें आपने राष्ट्रीय न्यूज़ चनेलो में देखा होगा [ जिन्होंने न्यूज़ में रहते हुए समज को बदलने का बीडा उठाया है ] तो अब आप दोनों श्रीयुत को पहचान ही गए होगे हां मै इन्ही उपरोक्त श्रीयुत कि बात कर रहा हुं मै भी इन्हे व्यक्तिगत तौर पे तो नही जानता महज ब्लाग से ही परिचय और पहचान है । पर देखे तो आप और मै तो देश के अन्य नेताओ को भी व्यक्तिगत तौर पे नही जानते बस न्यूज़ चनेलो के जरिये ही परिचय है तो मेरे ख्याल से उपरोक्त श्रीयुत उन अन्य भारतीय राजनेताओं से तो हमारे ज्यादा करीब हुए और इनकी दुरियां देखे तो भारतीय नेताओ से ज्यादा हो नही सकती तो मै तो सहमत हु की ये मेरे मतानुसार लोकसभा के लोकप्रिय तो नही पर कामगार प्रत्याशी साबित जरुर होगे । मै आपसे कह रहा था कि कल अगर आपको इनमे से किसी नाम की चुनावी समर में उतरने कि खबर किसी माध्यम से मिले तो आश्चर्य नही करिएगा क्योकि जिस तरह से इस लोक सभा चुनाव में बहुत से नये चहरे जिन्होंने जानता के बीच किसी भी प्रतिभा से अपनी पहचान बनाई, फ़िर वो खेल हो या हिन्दी फिल्म या फ़िर कोई और भी प्रतिभा से जुडा व्यक्ति जो अपनी प्रतीभ से जानता तक अपनी पकड़, पहुँच रखता है वे सभी चुनाव में दो दो हाथ करने तैयार है तो मेरे अनुसार तो यशवंत जी और बाजपेयी जी को भी चुनावी मैदान में आ ही जाना चाहिए। जीत गए तो अन्य खेल और फिल्मी हस्तियों से ज्यादा ही समय वे देश और जनता के साथ बितायेगे ऐसा मेरा मानन है ।अपने प्रत्याशी अन्य डबल पर्सनाल्टी मैन से तो अलग है जैस कि आप सभी देख ही रहे होगे । जिन्हें किसी ने कहा कि आवो भाई चुनाव लडो सो उन्होने चुनाव लड़ा और जीतने के बाद अपने घर और प्रोफेशन में वापस तो भइया इससे तो अच्छे है हमारे उमीदवार ओँर अब तो लोकसभा और विधान सभा में ऐसे ही डबल पर्सनाल्टी मैन ही मिलेगे जो काम के होते हुए भी शौक से विधयाक और सांसद बन जाते है । अब वो समय भी आ गया है कि सरकारी नोकरी कि तरह ही अब राजनीति मे भी आने वाले के लिए पात्रता और किसी दुसरे पेशे में नही होने कि पाबंदी लगा देनी चाहिए। पर मै अपने ऊपर ख़ुद ही पाबंदी भी तो नही लगा सकता ना यही हाल अपने देश के राजनेताओँ का है । जैस आप देख रहे है कि सत्यम को बचाने सरकारी पैकेज से लेकर राजनेताओँ ने सारी ताकत झोंक दी है लेकिन आप और हम कही कभी ऐसे फ़ँस जाते तो कोई सरकारी मदद आपको और हमको नही मिलती , मिलता तो बस यही कि हम या तो जमानत के लिए घूम रहे होते या जेल में होते, हो सकता है हमारे नेता ऐसा कर ख़ुद की मदद कर रहे हो ये मेरा अपना नजरिया है। मै बात कर रहा था की राजनीति में नये चेहरो की तो आप को एक बात और बता दू की वैसे तो देश के बुद्धिजीवी और अन्य प्रतिभा को भी संसद में प्रतिनिधित्व दिया गया है जिसका रास्ता राज्य सभा सदस्य से हो कर जाता है जिसक सीधा मतलब था की देश के प्रतिभावान व्याक्तित्व जो देश की प्रगति में सहायक हो सकते है, ऐसे बुद्धिजीवी जो राजनीति से ना होकर अन्य क्षेत्रो से जुडे हो और वे चुनाव भी नही लड़ना चाहते पर उनकी जरूरत देश और समाज को है जिसमे सभी अलग क्षेत्रो से जुड़े लोगो के ससद में प्रतीनिधित्व की व्यवस्था की गई है पर वर्तमान में उस भी चापलुसो और कुबेर पुत्र काबीज है तो एसे में मुझे कल किसी न्यूज़ चैनेल या अखबार से ख़बर मिले इससे पहले ही हम ब्लागर की ओर से मै दो नामों का प्रस्ताव आगामी लोक सभा उमीदवार के रुप में प्रस्तावित करता हुँ की इन्हे भी चुनाव में उतरना चाहिए क्यो की जहा तक मेरी जानकारी है इन महाशयों की ब्लाग पढ़ के , ब्लाग पढने वालो की दशा , दिशा और विचार बदल जाते है तो देश के दिशा क्यो नही , ओर एक खास बात , ओर राजनेताओ की तरह जनता को बेव्खुफ़ बनाना इन्हे अभी नही आता है । शायद यही वजह है की ये यहाँ हमारे साथ हमारे बीच है ।

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कुछ तो कहिये, क्यो की हम संवेदन हीन नही

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